प्रेम : सम्पूर्णता का सागर

 तुमने मुझे प्रेम करना सिखाया। वो प्रेम जो अहसास है अनेक भावनाओं का। जिसमे असँख्य फूलो की खुशबू समाहित है ।जो इन्द्रधनुष के सात रंग नही बल्कि हर पल नए रंग उजागर करती । वह प्रेम जिसका आधार सच हो और जिसमे वास्तविकता है । वह प्रेम जिसको दफनाया जा सकता, नकारा जा सकता पर कभी… Continue reading प्रेम : सम्पूर्णता का सागर