ख्वाब 20th Oct 2020 AwesomeArt1 Comment मैं जहाँ से आया हूँ ,जरूरी नहीं मीठे पर कई ख्वाब साथ लाया हूँ ।मंजिलों को सजाये कई ख्वाब देखे हैंउन ख्वाबों के पीछे कई ख्वाब टूटे हैं ।मैं जहाँ से आया हूँ एक जहां छोड़ आया हूँ ।