तेरी आँखों और लफ़्ज़ों में फर्क है आईने तू भी झूठ बोल रहा ।
जीवन का सफर
तारे
तू कुछ कहे
तस्वीर
जब दो सगे वक़्त के अंतराल पे मिलते है । अंजनो जैसे \"कैसे हो तुम?\" से शुरु हुईं बात का मकसद और अंत पता नही होता । पता होता तो सिर्फ कई यादों को दुहराए जाना। मानो किसी दराज़ से पुराने किसी एल्बम को निकालना । एल्बम से निकली सभी तस्वीरे एक सी नही होती।कुछ होती… Continue reading तस्वीर
सुबह या शुरुआत
ये सुबह है या शुरुआत ।काली रातों को तोड़ती यह सुबह ,रात के सपनों को सच करने की शुरुआत ।वक़्त की कमी से रुके पथिक की सुबह ,पथ की निराशा को आशा में बदलने की शुरुआत ।ओस की बूंदो को मोतियों में बदलती सुबह ,हजारो उड़ानों की शुरुआत ।समय से हार कर आराम की सुबह… Continue reading सुबह या शुरुआत
आंगन का दिया
जब आसमान गो धूल से भर जाएगावक़्त की चाल से सूरज भी छिप जाएगा ।दिन के चरम से शुरू जीवन की कहानी श्याम आकाश में मंद हो रही होगी ,निवाले कि तलाश में पक्षियों की उड़ान अपने घोसलों की तरफ होगी ।शोर की थकावट पे शांति का आराम होगाआश्रय की तालाश में पथिक होगा ।ठंड और काली… Continue reading आंगन का दिया
तकलीफ कम नही
मैं दर्द मेंउनकी भी तकलीफ कम नही ।कराह मैं रहासमझने को बस वही। खाँसता रहा रात भरतपते बदन उनके भी। हजारों मील चल के आया हूँ थोडा बीमार मैं थोडा वो भी सही। मैं प्रशासन से पीट रहा वो भी शासन की मार खायें है ।दूर से दुआएं दे पाया जब दवाओं से संभाला मेरे परिवार को ।मिल सकता अपनो… Continue reading तकलीफ कम नही
तुम्हें मेरे साथ होना था ।
तुम्हे साथ होना चाहिए था, मेरे कष्ट में ,मेरे उल्लास में मेरी हार में ,जीवन के बदलाव में ।होना चाहिए था तुम्हे मेरे साथ ,उस अंधेरी रात में ,जब डरने लगा अपने साये से ,सन्नाटे को तोड़ती अपनी साँसों से ,आनंद की प्याली में ,संघर्ष की थाली में ,तुम्हे साथ होना चाहिए था ।जब संसार मुझसे क्रूध… Continue reading तुम्हें मेरे साथ होना था ।








