मन में अनेक भाव लिए ,
बीते कल की आह लिए ,
कल के कल की चाह लिए ।
सम्पूर्ण शून्य हूँ मैं ।
पुराणों का उपदेश लिए,
सृजन का भीषण विध्वंस लिए ,
मन में तूफान विकराल लिए,
भगवद् का सार हूँ मैं ।
अपनो का अहसास लिए,
मंजिल का गुमान लिए,
अमर्त्य विश्वास लिए,
चलता राही हूँ मैं ।
[…] मन में अनेक भाव लिए , बीते कल की आह लिए , कल के कल की चाह लिए ।सम्पूर्ण शून्य हूँ मैं ।पुराणों का उपदेश लिए, सृजन का भीषण विध्वंस लिए ,मन में तूफान विकराल लिए, भगवद् ……Read More […]
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