जीवन का सफर

मन में अनेक भाव लिए  , 
बीते कल की आह लिए , 
कल के कल की चाह लिए ।
सम्पूर्ण शून्य हूँ मैं ।
पुराणों का उपदेश लिए, 
सृजन का भीषण विध्वंस लिए ,
मन में तूफान विकराल लिए, 
भगवद्  का सार हूँ मैं ।
अपनो का अहसास लिए, 
मंजिल का गुमान लिए, 
अमर्त्य विश्वास लिए, 
चलता राही हूँ मैं ।

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