जब आसमान गो धूल से भर जाएगा
वक़्त की चाल से सूरज भी छिप जाएगा ।
दिन के चरम से शुरू जीवन की कहानी
श्याम आकाश में मंद हो रही होगी ,
निवाले कि तलाश में पक्षियों की उड़ान
अपने घोसलों की तरफ होगी ।
शोर की थकावट पे शांति का आराम होगा
आश्रय की तालाश में पथिक होगा ।
ठंड और काली रात दहलीज पे होगी
जब वक़्त सांझ का होगा ।
आंगन का दिया जो सुबह बुझ गया था,
फिर जल जाएगा ।

Ek no. 1 👍🏻🔥🔥
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